Nirjala Ekadashi is observed on the ‘Ekadashi’ (11th day) of the Shukla Paksha during the month of ‘Jyestha’. For this reason, this Ekadashi is also known as ‘Jyestha Shukla Ekadashi’. Devotees generally fast on all 24 Ekadashis and some consume only food preparations ideal for vrata. But on this day, people observe fast and do not even consume a drop of water. Nirjala literally means ‘without water’.The Nirjala Ekadashi is also known as Bheemaseni Ekadashi, named after the Bheema of the Mahabharata.
Ekadashi Tithi Begins - 01:07 PM on May 30, 2023
Ekadashi Tithi Ends - 01:45 PM on May 31, 2023
~~~ॐ नमो भगवते वासुदेवाय~~~
निर्जला एकादशी को भीम एकादशी भी कहा जाता है जिसके पीछे एक पौराणिक कथा है। उसके अनुसार पांडवों में दुसरा भाई भीमसेन खाने-पीने का बहुत शौक़ीन था। और वह अपनी भूख नो नियंत्रित नहीं कर पाता था। इसलिए वह एकादशी का व्रत भी नहीं कर पाता था। केवल भीम को छोड़कर अन्य सभी पांडव और द्रौपदी साल की सभी एकादशियों का व्रत पुरे श्रद्धा और भक्ति के साथ किया करते थे।
भीमसेन अपनी इस भूख और कमजोरी को लेकर अक्सर परेशान रहता है। उनका मानना था की वह एकादशी का व्रत नहीं करके भगवान् विष्णु का अनादर कर रहा है। अपनी इस परेशानी को समाप्त करने के लिए वह महर्षि व्यास के पास गया और उन्हें सारी व्यथा सुनाई। तब महर्षि व्यास ने भीमसेन को साल में एक बार निर्जला एकादशी व्रत करने को कहा और बताया की एकमात्र निर्जला एकादशी का व्रत साल की 24 एकादशियों के बराबर है। तभी से इस एकादशी को भीम एकादशी के नाम से जाना जाने लगा।
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